जय अहोई माता जय अहोई माता । तुमको निसदिन ध्यावत हरि विष्णु धाता ।।
जय ब्रह्माणी रूद्राणी कमला तू ही है जग दाता । सूर्य चन्द्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता ।। जय...
माता रूप निरंजन सुख सम्पत्ति दाता । जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता ।। जय...
तू ही है पाताल बसन्ती तू ही है सुख दाता । कर्म प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता ।। जय...
जिस घर थारो वास वही मे गुण आता । कर न सके सोई कर ले मन नही घबराता ।। जय...
तुम बिन सुख न होवे पुत्र न कोई पाता । खान-पान का वैभव तुम बिन नही आता ।। जय...
शुभ गुण सुन्दर युक्ता क्षीर निधि जाता । रतन चतुर्दश तोकूं कोई नही पाता ।। जय...
श्री अहोई माँ की आरती जो कोई गाता । उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता ।। जय...